उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा और हिंदू संगठनों का मुस्लिम-फोबिया बाहर आता जा रहा है। इसी बीते 30 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित दैनिक ‘अमर उजाला’ में एक ही पृष्ठ पर दो खबरें साथ-साथ छपीं। एक खबर में पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि घोषणा करते हैं कि “दारुल उलूम देवबंद दुनिया को विश्वयुद्ध की विभीषिका में झोंकने की तैयारी कर रहा है। दारुल उलूम देवबंद तालिबान, अलकायदा और आईएसआईएस जैसे जिहादी संगठनों की मातृ संस्था है। यह संस्था संपूर्ण विश्व के विनाश के बीज बो रही है। इसलिए मोदी सरकार को दारुल उलूम को बंद कर देना चाहिए।” (अमर उजाला, मुरादाबाद संस्करण, 30 अक्टूबर, 2021)
लेखक के बारे में

कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।