डॉ. आंबेडकर से मेरा संबंध गर्भनाल जैसा रहा है। मेरी मां रामरती देवी और पिता रीतनारायण लाल रजक पटना के सब्जीबाग मुहल्ले में रहते थे। वे लोगों के कपड़े धोते और इस्त्री कर घर-घर पहुंचाते। वे बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों से प्रभावित थे। वे शिक्षा का महत्व समझते थे। उन्होंने मुझे हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
‘जब कभी लोग मेरा अपमान करते हैं, बाबा साहेब को याद कर लेता हूं’
करीब ढाई दशकों से विधायक व वर्तमान में बिहार सरकार में वरिष्ठ मंत्री श्याम रजक बता रहे हैं कि डॉ. आंबेडकर के संघर्षों व विचारों ने उन्हें किस प्रकार संबल दिया है। उनके मुताबिक आज भी लोग जातिसूचक शब्द का उपयोग कर उनका अपमान करते हैं