विभिन्न राज्यों के मेडिकल संस्थानों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि ओबीसी छात्रों को आरक्षण नहीं देना योग्य छात्रों को वंचित रखा जाना है। यह पहला मौका है जब मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी के आरक्षण को लेकर देश की सबसे प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से सवाल उठाया गया है।
कल 3 जुलाई, 2020 को सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग किया है कि वह नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) के तहत ऑल इंडिया कोटे में विभिन्न राज्य सरकारों के अधीन मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए आरक्षण सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा है कि 2017 से इस कारण 11 हजार सीटों पर ओबीसी छात्रों को नुकसान हुआ है।

गौर तलब है कि नीट के तहत अखिल भारतीय स्तर पर मेडिकल संस्थानों में स्नातक व परास्नातक कोर्स के लिए प्रतियोगिता परीक्षा ली जाती है और इसमें सफल होने वाले छात्रों को मेडिकल संस्थानों में दाखिला दिया जाता है। इसमें बड़ी पेंच ऑल इंडिया कोटे का है। इसके तहत राज्याधीन संस्थाओं में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को कोई आरक्षण नहीं दिया जाता है। हाल ही में तमिलनाडु में अनेक दलों द्वारा संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी जिसमें कहा गया था कि ऑल इंडिया कोटे के आरक्षण में ओबीसी के लिए 50 फीसदी आरक्षण हो। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर इस मामले को मद्रास हाई कोर्ट में ले जाने का निर्देश दिया।
इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एल. नागेश्वर की यह टिप्पणी भी सुर्खियों में रही कि आरक्षण मौलिक अधिकारों में शामिल नहीं है।
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बहरहाल, सोनिया गांधी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि “ऑल इंडिया कोटे के तहत 15 फीसदी, 7.5 फीसदी और 10 फीसदी क्रमश: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए केंद्र व राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधीन मेडिकल शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान है। जबकि ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी के लिए आरक्षण केवल केंद्रीय संस्थानाें में ही लागू हैं।”
उन्होंने कहा है कि “समता और सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए मैं मांग करती हूं कि केंद्र सरकार ओबीसी अभ्थर्थियों के लिए आरक्षण ऑल इंडिया कोटे के तहत राज्याधीन मेडिकल एवं डेंटल संस्थानों में भी सुनिश्चित करे।”
सनद रहे कि ऑल इंडिया कोटे में एमबीबीएस की 15 फीसदी सीटें और 50 फीसदी स्नातकोत्तर सीटें केंद्र के अधीन होती हैं। इसके तहत देश के किसी भी हिस्से से अभ्यर्थी नामांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बहरहाल, कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नीट परीक्षाएं जो कि मई महीने में ही होनी थीं, अब 13 सितंबर को निर्धारित की गयी है। लेकिन इससे पहले सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दबाव बनाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या रूख अपनाती है।
(संपादन : नवल/अनिल)
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