डॉ. सोहनपाल सुमनाक्षर का यह काव्य संकलन 1990 में प्रकाशित हुआ। इसकी विचारोत्तेजक भूमिका डॉ. धर्मवीर ने लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि इन कविताओं से यह सिद्ध होता है कि अब विद्रोह की...
उषाकिरण आत्राम के मुताबिक, रावण जो कि हमारे पुरखा हैं, उन्हें हिंसक बताया जाता है और एक तरह से हमारी संस्कृति को दूषित किया जा रहा है। यह ब्राह्मणवादी साजिश है, जिसके कारण हमारी संस्कृति...
गेल ऑम्वेट गांव-गांव जाकर शोध करती थीं, उससे जो तथ्य इकट्ठा होता था, वह बहुत व्यापक था और बहुत लोगों से जुड़ा होता था। उससे जो निष्कर्ष बाहर आता था, वह सत्य के ज्यादा नजदीक...
संताल आदिवासियों का विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अलग स्थान रखता है। इसकी शुरूआत 1771 में तिलका मांझी के नेतृत्व में हुई। लेकिन 1855 में सिदो-कान्हू ने निर्णायक विस्तार दिया। इसे हूल विद्रोह...