“किसी के यहां बच्चे की पैदाइश होती थी तो वहां नर्सिंग का काम हमारे घर की औरतें करती थीं। बच्चा पैदा कराना तथा जच्चा और बच्चों की बारह दिनों तक सेवा करना। इसमें जच्चा-बच्चा के...
‘लेखक के लिखे से आप उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप तक जरूर जा सकते हैं। अगर धूर्ततापूर्ण लेखन होगा तो पकड़ में आ जायेगा। तुलसीदास का ब्राह्मणत्व आपने लेखन के आकलन से तो जाना। साहित्य...
गांव से पलायन करनेवालों में ऊंची जातियों के लोग भी होते हैं, जो पढ़ने-लिखने और बेहतर आय अर्जन करने लिए पलायन करते हैं। गांवों से पलायन करनेवाले दूसरे खेतिहर मजदूर होते हैं, जो कि अमूमन...