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बिहार विधानसभा की जाति

वर्षों बाद इस बार सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के एक निर्दलीय उम्मीदवार (कांटी से पासी जाति के अशोक कुमार चौधरी) ने आज़ाद उम्मीदवार बतौर जीत दर्ज की। ऐसा बहुत कम होता है क्योंकि प्रमुख राजनीतिक दल सामान्य सीटों से अनुसूचित जाति के लोगों को टिकट ही नहीं देते

bihar vidhansabhaबिहार विधानसभा चुनाव, 2015 में विजेताओं के जातिवार अध्ययन से कई रोचक निष्कर्ष उभरते हैं। बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें से 38 अनुसूचित जाति तथा दो अुनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

विधानसभा चुनाव, 2015 के नतीजे बताते हैं कि इस बार बहुजन वोटों का बिखराव बहुत कम हुआ। यादव, कुर्मी व कोयरी सहित मुसलमान मतदाता भी राजद, जदयू और कांग्रेस के ‘महागठबंधन’के पक्ष में गोलबंद रहे। इस बार बहुजन वोटरों की एकजुटता का खामियाजा सवर्ण जातियों को उठाना पड़ा है जबकि अतिपिछड़ी जातियों की स्थिति में ज्याादा परिवर्तन नहीं आया है। 15वीं विधानसभा में सवर्ण विधायकों की संख्या 79 थी, जो 16वीं विधानसभा में घटकर 51 रह गयी। इन जातियों को लगभग 28 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। लगभग इतनी ही सीटों का लाभ यादवों और मुसलमानों को हुआ। यादवों की संख्यां 39 से बढ़कर 61 हो गयी है और मुसलमानों की 9 से बढ़कर 24।

वैश्य वर्ग में दर्जनों जातियां आती हैं। इनमें से कुछ पिछड़ी जातियों में आती हैं तो कुछ अतिपिछड़ी में। इस कारण वैश्यों का जातिवार अध्ययन मुश्किल है। हालांकि तेली, कानू, कलवार, माड़वाड़ी आदि जातियां आगे रहीं।

एससी सीटों पर एक तिहाई पर रविदास का कब्जा

वर्षों बाद इस बार सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के एक निर्दलीय उम्मीदवार (कांटी से पासी जाति के अशोक कुमार चौधरी) ने आज़ाद उम्मीदवार बतौर जीत दर्ज की। ऐसा बहुत कम होता है क्योंकि प्रमुख राजनीतिक दल सामान्य सीटों से अनुसूचित जाति के लोगों को टिकट ही नहीं देते। अनुसूचित जाति के 39 विधायकों में से 13 सीटों पर रविदासों ने कब्जा जमा लिया है। 11 सीटों पर पासवानों ने जीत दर्ज की है। पासी और मुसहर जाति का 6-6 सीटों पर कब्जा है। धोबी जाति के उम्मीदवारों ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें से एक निर्दलीय (बेबी कुमारी, बोचहा) और एक जदयू के टिकट पर निर्वाचित हुए हैं जबकि मेहतर जाति की एक विधायक ने जीत दर्ज की है।

तालिका 1. ( अनुसूचित जाति)

भाजपा राजद जद यू कांग्रेस अन्य कुल
रविदास  2  5  2  3 1(माले)  13
पासवान  1  4  4  1 (आरएलएसपी)  11
मुसहर  1  2  2  0 (हम)  6
पासी  0  3  1  1 (निर्दलीय)  6
धोबी  0  0  1  0 (निर्दलीय)  2
मेहतर  1  0  0  0 0  1

तालिका 2. (जातिवार)

भाजपा राजद जद यू कांग्रेस अन्य कुल
यादव  6  42  11  2  0  61
राजपूत  9  2  6  3  0  20
भूमिहार  9  0  4  3 1(निर्दलीय)  17
ब्राह्मण  3  1  2  4 1(लोजपा)  11
कुर्मी  1  1  13  1  0  16
कोइरी  3  4  11  1 1(आरएलएसपी)  20
कायस्थ  2  0  0  1  3  5
मुसलमान  0  13  5 6  0  24
अति पिछड़ा/एसटी  30

तालिका 3: पिछले दो चुनावों में विभिन्न जातियों के विजेताओं की तुलना

यादव राजपूत भूमिहार ब्राह्मण कुर्मी कोइरी मुसलमान अजा
2015  61  20  17  11  16  20  24  39
2010  39  34  26  16  18  19  19  38

 

(फारवर्ड प्रेस के जनवरी, 2016 अंक में प्रकाशित )

लेखक के बारे में

वीरेंद्र यादव

फारवर्ड प्रेस, हिंदुस्‍तान, प्रभात खबर समेत कई दैनिक पत्रों में जिम्मेवार पदों पर काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र यादव इन दिनों अपना एक साप्ताहिक अखबार 'वीरेंद्र यादव न्यूज़' प्रकाशित करते हैं, जो पटना के राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चित है

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