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आरक्षण को लेकर जम्मू-कश्मीर में दलितों और पिछड़ों ने किया आंदोलन तेज

जम्मू कश्मीर में दलितों और पिछड़ों के लिए संविधान प्रदत्त आरक्षण का अधिकार मुकम्मल तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। ओबीसी को 27 फीसदी के बदले केवल 2 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा दलितों और आदिवासियों के हक की भी हकमारी हो रही है। इसके विरोध में बीते 5 फरवरी को रैली का आयोजन किया गया। एक रिपोर्ट

आतंकी घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहने वाले जम्मू की वादियों में दलितों और पिछड़ों के अधिकारों संबंधी नारे गूंजने लगे हैं। बीते 5 फरवरी को जम्मू के जेडीए पार्क में आरक्षण बचाओ रैली आयोजित की गई। ऑल इन्डिया कनफेडरेशन ऑफ एससी/एसटी/ओबीसी आर्गनाइजेशन के तत्वावधान में आयोजित रैली में जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों से लोग बड़ी संख्या में शरीक हुए।

रैली में उपस्थित जनसमूह

रैली में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में जिन मांगों को प्रमुखता से रखा उनमें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण के प्रावधानों को लागू करने, बैकलॉग को भरने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षित वर्गों के छात्र व छात्राओं के लिए आरक्षण मुकम्मल तौर पर लागू करने, बजट में स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत दलितों और आदिवासियों के लिए विशेष प्रावधान करने, पदोन्नति में आरक्षण लागू करने की मांग शामिल थी।

कनफेडरेशन के प्रांतीय संयोजक आर के कलसोत्रा ने रैली को संबोधित करते राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि वह राज्य आरक्षित वर्गों के हितों की रक्षा नहीं कर सकती है तो उसे सत्ता पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में दलितों और ओबीसी के लोगों पर जुल्म की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। सरकार आरक्षित वर्गों के लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में एससी/एसटी थाने बनाये जायें। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है, परंतु जम्मू-कश्मीर में यह केवल दो फीसदी है। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती साहब द्वारा लागू किये गये आरक्षण को प्रभावी बनाने में विफल है।

कलसोत्रा ने कहा कि यह रैली संघर्ष की शुरूआत है। आने वाले दिनों में कनफेडरेशन विधान सभा का घेराव करेगी। इस मौके पर हाल ही में 8 वर्षीया मासूम असिफा बानू की गैंगरेप के बाद हत्या मामले को लेकर विरोध व्यक्त किया गया। रैली को संबोधित करने वालों में मुश्ताक बदगामी, रमेश सरमल, बी एल भारद्वाज, सावर चौधरी, बंसी लालचौधरी, शिव पनगोत्रा, यासीर खान, दर्शन लाल, आइशान अली, रोशन चौधरी, राशिदा बेगम, अधिवक्ता अनवर, सुशील कुमार,मोहम्मद शफी, कुलदीप कुमार, आशिक वत्तल, परवीन जरयाल आदि शामिल रहे।


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