बीते 10 फरवरी 2018 को उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में एक दलित युवा दिलीप सरोज की हत्या ऊंची जाति के युवाओं ने पीट-पीटकर कर दी। इस नृशंस हत्या की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने निंदा की है।

उल्लेखनीय है कि शनिवार रात इलाहाबाद के कटरा इलाके में स्थित एक रेस्तरां से बाहर निकलते समय दिलीप सरोज का पैर ऊंची जाति एक युवक से स्पर्श कर गया। इसके बाद दिलीप कुमार सरोज की बेरहमी से तबतक पिटाई की गई जबतक कि वह मर नहीं गया। यहां तक कि मरने के बाद भी आरोपियों ने उसकी लाश को हॉकी स्टीक से पीटते रहे। वारदात के बाद रेस्तरां के मालिक अमित उपाध्याय ने एक अन्य के साथ मिलकर दिलीप को स्थानीय अस्पताल में दाखिल किया था। इसके बाद दिलीप का परिवार उन्हें एक अन्य अस्पताल में ले गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
इस मामले में इलाहाबाद के एसएसपी ने बताया कि हमले में मुन्ना सिंह चौहान के अलावा इस वारदात में विजय सिंह नाम का एक अन्य युवक भी शामिल था। उन्होंने बताया कि रेस्तरां से निकलने के दौरान हुई जरा सी टक्कर के बाद दिलीप और विजय शंकर में विवाद हुआ था, जिसके बाद इसने बड़ा रूप ले लिया। एसएसपी ने यह भी बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की शिनाख्त हुई है जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

वहीं इस घटना के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘बेहद दु:खद ! 26 वर्षीय दिलीप सरोज का इलाहाबाद में सरेआम क़त्ल! लाचार क़ानून व्यवस्था, बद से बदतर होती स्थिति भाजपा राज में।’ इसके अलावा समाजवादी पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अखिलेश यादव ने कहा है कि जोगी सरकार के कार्यकाल में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है जिसका शिकार दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हो रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को जारी अपने प्रेस बयान में कहा कि इलाहाबाद में एक होनहार दलित छात्र की निर्मम हत्या गहरे दुख और चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सदियों से शोषित-पीड़ित दलित समाज जिसमें आजादी के सात दशक से अधिक समय बीतने के बाद भी उच्च शिक्षा नाम मात्र की है, एलएलबी की पढ़ाई कर रहे छात्र की हत्या से पूरे दलित समाज को नुकसान हुआ है।
वहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की संकीर्ण, जातिवादी व नफरत की राजनीति के कारण उत्तरप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश का माहौल काफी ज्यादा दूषित व हिंसक हो गया है। सर्वसमाज के युवा रोजगार आदि नहीं मिल पाने के कारण कुंठा के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में दलित छात्र की नृशंस हत्या अकेली घटना नहीं है। ऐसी घटनाएं रोजाना सामने आ रही हैं। इसके लिए सीधे तौर पर भाजपा की नफरत की राजनीति जिम्मेवार है। मायावती ने पूर्व मंत्री रामअचल राजभर को इलाहाबाद जाकर मृतक के परिजनों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से सभी दोषियों को सख्ता सजा और पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा देने की मांग की।
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें :
महिषासुर: एक जन नायक