आरएसएएस 2022 तक संविधान बदलने के प्रयास में जुटा है। वह मनुवाद आधारित संविधान देश में लागू करना चाहता है। आवश्यकता है कि बाबा साहब डॉ आंबेडकर द्वारा बनाये गये संविधान को बचाया जाय। इसके लिए सभी चाहे वह किसी धर्म या जाति के हों। यह कहना है बाबा साहब डॉ. आंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश आंबेडकर का। इन दिनों वे पूरे देश में संविधान बचाओ मुहिम चला रहे हैं। इस क्रम में आगामी 26 फरवरी को दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट पर उन्होंने एक प्रदर्शन का आह्वान किया है। फारवर्ड प्रेस के संपादक (हिंदी) नवल किशोर कुमार के साथ दूरभाष पर संक्षिप्त बातचीत के दौरान उन्होंने संविधान बचाओ मुहिम के बारे में जानकारी दी। बातचीत का संपादित अंश :

इन दिनों आप पूरे देश में एक मुहिम चला रहे हैं। इसका मुख्य एजेंडा क्या है?
प्रकाश आंबेडकर : आरएसएस ने देश में एक बड़ी साजिश रची है। वह बाबा साहब के संविधान के बदले मनुवाद आधारित संविधान लागू करना चाहती है। आरएसएस के लोगों ने कहा भी है। उनकी योजना है कि वे 2022 तक जब राज्यसभा में बहुमत हो जाने के बाद वे अपने हिसाब से संविधान में संशोधन कर सकेंगे। वे दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनके अधिकार से वंचित कर देना चाहते हैं। यह मुहिम हमने उनके खिलाफ इसलिए शुरू किया है ताकि हम उन्हें ऐसा करने से रोक सकें। हमें यह समझना होगा कि संविधान ही हमें हमारा अधिकार सुनिश्चित करता है।
आपने दलितों और पिछड़ों को एक साथ आने का आह्वान किया है।
प्रकाश आंबेडकर : नहीं, हमने तो सभी तबकों को एक साथ आने के लिए कहा है। यह हमारी लाइन है। जो संविधान बचाना चाहते हैं, वे हमारे साथ आयें।
क्या आपको लगता है कि हाल के दशक में दलितों और पिछड़ों में दूरी बढ़ रही है? आपके मुहिम से वे एक-दूसरे के साथ आयेंगे?
प्रकाश आंबेडकर : मेरे हिसाब से इस मुद्दे पर दलितों में कोई अंतर नहीं है। हमने सभी को बुलाया है। वे आयेंगे।
आपके इस मुहिम को लेफ्ट पार्टियां कितना सहयोग कर रही हैं?
प्रकाश आंबेडकर : हमने उन्हें इस मुहिम से दूर रखा है। वे अपना काम करें। हम अपना काम करेंगे।
भाजपा और आरएसएस आरक्षण की समीक्षा करने की बात कर रही है। कहीं न कहीं इसका सबसे अधिक शिकार ओबीसी होगा। इसे आप कैसे एड्रेस करेंगे?
प्रकाश आंबेडकर : हम एड्रेस कर रहे हैं। इसलिए तो हमलोगों ने यह मुहिम चलाया है। हम सब साथ होंगे और संविधान बचायेंगे।
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