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नेट की उत्तर कुंजी जारी, 27 जुलाई तक दर्ज करें आपत्ति

सीबीएसई ने 8 जुलाई और 22 जुलाई, 2018 को हुए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के प्रश्न पत्र, अभ्यर्थियों के दर्ज़ उत्तर व उत्तर कुंजी 24 जुलाई को जारी कर दी है, जिस पर 27 जुलाई तक आपत्ति की जा सकेगी। साकेत बिहारी की रिपोर्ट :

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बीते 8 जुलाई और 22 जुलाई, 2018 को हुए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के प्रश्न पत्र, अभ्यर्थियों के दर्ज़ उत्तर व उत्तर कुंजी 24 जुलाई को जारी कर दिए हैं। इसमें 22 जुलाई 2018 को इलाहाबाद केंद्र पर हुए द्वितीय प्रश्न पत्र भी शामिल है। इसे सीबीएसई की वेबसाइट https://cbsenet.nic.in/cms/public/home.aspx पर देखा जा सकता है। अभ्यर्थी परीक्षा में अपनी उपस्थिति तिथि के आधार पर प्रश्न पत्र तथा उसके उत्तर सत्यापित कर सकते हैं। साथ ही बोर्ड द्वारा जारी की गई उत्तर कुंजी पर यदि उन्हें कोई आपत्ति है तो वे 27 जुलाई 2018 तक संबंधित उत्तर कुंजी की चुनौती के समर्थन में ईमेल पते net@cbse.gov.in पर दस्तावेज़ मेल कर सकते हैं। यह उत्तर कुंजी 24 – 27 जुलाई तक ही उपलब्ध रहेगी। 27 जुलाई 2018 के बाद भेजी गई आपत्तियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बोर्ड द्वारा जारी किए गए लिंक http://cbsenet.nic.in/cbsenet/ViewQuesPaper.aspx पर क्लिक कर परीक्षा तथा प्रश्न पत्र का चयन किया जा सकता है।

   जबकि http://cbsenet.nic.in/cbsenet/KeyChallange/Login.aspx पर क्लिक कर बोर्ड द्वारा जारी प्रथम तथा द्वितीय प्रश्न पत्र के उत्तर कुंजी, ओएमआर सीट (अभ्यर्थी द्वारा दर्ज़ उत्तर) देख सकते हैं, बोर्ड द्वारा जारी उत्तर कुंजी को देखने, जांच करने के साथ-साथ आपत्तियों को भी दर्ज़ किया जा सकता है । अभ्यर्थी  डेबिट या क्रेडिट कार्ड से 1000 रुपए का भुगतान कर बोर्ड द्वारा जारी उत्तर कुंजी को चुनौती दे सकते हैं।

नेट परीक्षा के बारे में ये बातें भी जानें

भारतीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद तथा विश्वविद्यालयों में शोध हेतु योग्यता निर्धारण के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए सीबीएसई प्रतिवर्ष 2 बार 84 विभिन्न विषयों में 91 केंद्रों पर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का आयोजन करता है । यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, संस्थानों के स्नातकोत्तर या समकक्ष परीक्षा में कम से कम 55% अंक (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 50% अंक) प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राएँ राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के लिए आवेदन के पात्र होते हैं।

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जुलाई 2018 से पूर्व यह परीक्षा एक ही दिन तीन सत्रों में आयोजित की जाती थी। प्रथम पत्र शोध तथा शिक्षण अभिरुचि, तर्क, बौद्धिकता, सामान्य जानकारी संबंधी होती थी। जबकि द्वितीय व तृतीय पत्र अभ्यार्थी की रुचि के विषय से होते थे। जुलाई 2018 से द्वितीय एवं तृतीय विषय को मिलाकर एक सत्र में कर दिया गया। प्रथम पत्र 100 अंक का था। जिसमें दो-दो अंक के 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे। सभी प्रश्न अनिवार्य थे। दूसरा प्रश्न पत्र परीक्षार्थी द्वारा चुने गए विषय पर आधारित 200 नंबर का था। इसमें दो-दो अंकों के 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए। लगभग 11 लाख 48 हज़ार अभ्यार्थी जुलाई 2018 की परीक्षा में शामिल हुए थे।

परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को जूनियर रिसर्च फ़ेलो (जेआरएफ) तथा नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी के रूप में चुना जाता है। जेआरएफ प्राप्त छात्र विश्वविद्यालयों में अपने स्नातकोत्तर विषय या संबंधित अंतरअनुशासनिक विषय में शोध के पात्र होते हैं। यूजीसी की ओर से उन्हें शोधवृत्ति के रूप में 25,000 रुपए मासिक 3 वर्ष तक तथा शोध संतोषजनक पाए जाने पर उन्हें पदोन्नत करते हुए सीनियर रिसर्च फ़ेलो के रूप में 28,000 रुपए प्रति माह 2 वर्ष तक दी जाती है। इसके अतिरिक्त आकस्मिक राशि का भी प्रावधान है। सहायक प्रोफेसर परीक्षा हेतु आवेदन करने के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। जबकि जेआरएफ के लिए अब 30 वर्ष निर्धारित की गई है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग (नॉन क्रीमी लेयर), महिला अभ्यार्थियों के लिए आयु में 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है। एम. फिल., पीएच-डी. जैसे शोध पाठ्यक्रमों में सीटों की कटौती को देखते हुए वर्तमान में इन पाठ्यक्रमों में नामांकन हेतु इस परीक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2018 से इस परीक्षा का संचालन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इसका स्वरूप ऑफलाइन की जगह अब ऑनलाइन होगा। 1 सितंबर 2018 से इसके आवेदन शुरू होंगे। 2 से 16 दिसंबर के बीच सप्ताह में दो दिन शनिवार तथा रविवार को दो पालियों में होंगे ।


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लेखक के बारे में

साकेत बिहारी

साकेत बिहारी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन करते हैं। संप्रति वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा से ‘आरंभिक मध्यकालीन बिहार में स्त्री जीवन : 600-1200 ई.’ विषय पर शोध कर रहे हैं

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