उच्चतम न्यायालय के एक फैसले से अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानून के कमजोर होने का हवाला देते हुए लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़ी दलित सेना ने सरकार से इसमें सुधार के लिए जल्द से जल्द अध्यादेश जारी करने की मांग की है। दलित सेना ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो 9 अगस्त से पूरे देश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

इस बारे में दलित सेना के अध्यक्ष एवं सांसद राम चंद्र पासवान और लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि कई दलित संगठनों ने इस कानून को कमजोर किए जाने के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है और उनके संगठन पर भी आंदोलन में शामिल होने का दबाव है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि चालू मानसून संसद सत्र के दौरान केंद्र सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती, इसलिए वह 7 अगस्त को मानसून सत्र समाप्त कर, 8 अगस्त को अध्यादेश जारी करे। दोनों नेताओं ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर उच्चतम न्यायालय ने गत 20 मार्च को एक फैसला दिया था, जिससे यह कानून कमजोर हुआ है। इससे दलित समुदाय में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि इस फैसले को देने में शामिल एक न्यायाधीश को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का अध्यक्ष बना दिया गया है, जिससे लोगों में और आक्रोश बढ़ गया है। उन्होंने संबंधित न्यायाधीश को न्यायाधिकरण के अध्यक्ष पद से हटाने की भी मांग भी की।
(कॉपी एडिटर : नवल)
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