महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी (बिहार) में वाइस चांसलर की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। सबसे पहले 17 अगस्त को प्रो.संजय कुमार पर हुए जानलेवा हमले के बाद से छात्रों—शिक्षकों खासकर एससी—एसटी—ओबीसी के दमन का नया सिलसिला शुरू हुआ है। आज यहां एक छात्र शक्ति बाबू यादव की लिंचिंग करने की कोशिश की गई। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। उन्हें चक्कर आ रहे हैं और वह लगातार उल्टियों की शिकायत कर रहे हैं। उनकी मोटरसाइकिल को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

फिलहाल छात्र को मेडिकल परीक्षण के लिए सदर अस्पताल मोतिहारी में ले जाया गया है। वहां मौजूद शिक्षक संघ के शिक्षकों का कहना है कि शक्ति बाबू लगातार चक्कर आने और उल्टी की शिकायत कर रहा है। मगर सदर अस्पताल का कहना है कि उनके पास सिटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहीं वह दवाइयां भी बाहर से मंगवा रहे हैं। वहां पर मौजूद मेडिकल ऑफिसर कोरे कागज पर प्रिस्क्रिप्शन लिखकर दे रहे हैं अपने साइन के साथ, मगर मुहर नहीं लगा रहे हैं। कह रहे हैं कि मेरे साइन सब लोग जानते हैं।
महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी मृत्युंजय कुमार यादवेंदु की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि आज मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र शक्ति बाबू पर उन्हीं गुंडों द्वारा दिन में 1.40 मिनट पर हमला किया गया, जो प्रो. संजय कुमार की लिंचिंग में शामिल थे।
प्रो. मृत्युंजय कुमार के मुताबिक जातिवादी मानसिकता से ग्रसित कुलपति अरविंद कुमार अग्रवाल के इशारे पर उनके गुंडों ने पिछड़े तबके से ताल्लुक रखने वाले शक्ति बाबू की लिंचिंग करने की इसलिए कोशिश की, क्योंकि शक्ति कुलपति की धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, महिला विरोधी रूख, शिक्षा विरोधी कारनामों, संवैधानिक मानदंडों के निरंतर उल्लंघन करने वाले रवैये के खिलाफ विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा आयोजित एक मार्च का हिस्सा था। शक्ति कुलपति द्वारा किए जा रहे अन्याय और प्रो. संजय को न्याय दिलाने के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों में लगातार हिस्सेदारी करता था।

महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ के मुताबिक बीए तृतीय वर्ष के छात्र शक्ति बाबू के अलावा कल तीन लड़कियों को भी कुलपति के गुंडों ने न सिर्फ डराया—धमकाया, बल्कि उनके साथ बदतमीजी करते हुए उनके कपड़े भी फाड़े गए। ये वही अराजक तत्व थे जो प्रो. संजय की लिंचिंग में शामिल रहे और अब इन्होंने ही छात्र शक्ति बाबू की लिंचिंग की कोशिश की।
शिक्षक संघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी मृत्युंजय कुमार यादवेंदु ने मीडिया से अपील की है कि कुलपति के गुंडों, पुलिस और फासीवादी विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय को यातना शिविर बना दिया है, कृपया हमें बचाओ।
इस हमले के बारे में कुलपति अरविंद कुमार अग्रवाल अनभिज्ञता जताते हुए कहते हैं, एक्सक्यूज मी, मैं इस समय अंडर मेडिकल इमरजेंसी लीव पर हूं 10 दिन के लिए। काइंडली स्पेयर मी दि हॉरर।

आप पर हमले का आरोप क्यों लगाया जा रहा है? पर कुलपति कहते हैं, कोई कुछ भी कहे इसे कैसे माना जा सकता है, मैं इन दोनों घटनाओं के लिए जिम्मेदार नहीं हूं।
वहीं कुलपति की इस सफाई पर शिक्षक संघ के मृत्युंजय कुमार कहते हैं, ‘मेडिकल लीव सिर्फ अरविंद कुमार अग्रवाल का बहाना है, क्योंकि संजय मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय उनसे बार—बार जवाब मांग रहा है। एमएचआरडी के नोटिस से बचने के लिए ज्यादा समय लेने के लिए ये मेडिकल का बहाना बनाए हुए हैं। मेडिकल का बहाना बना वो यहीं पर हैं, जहां मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है चंपारण में अपने आवास पर पड़े हुए हैं। वो यहां से कहीं बाहर नहीं गए हैं। अगर बाहर गए हैं तो मैं मांग करता हूं कि एयरपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज चैक किया जाए। अभी भी हम घायल छात्र को अस्पताल लेकर आए हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई भी साथ नहीं है।’
(कॉपी संपादन-सिद्धार्थ)
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