h n

ठेकेदारी से लेकर उद्यमिता तक मिले दलितों को तरजीह, विदेश में पढ़ने को मिले छात्रवृत्ति

बीते 13 अक्टूबर 2018 को बिहार की राजधानी पटना में दलित उद्यमियों के संगठन डिक्की के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दलित अस्मिता से लेकर दलित उद्यमिता तक के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। फारवर्ड प्रेस की खबर :

बीते 13 अक्टूबर 2018 को बिहार की राजधानी पटना में दलित उद्यमियों के संगठन डिक्की के बैनर तले दलित-आदिवासी उद्यमिता समागम का आयोजन किया गया। समागम के दौरान घोषणा पत्र जारी किया गया जिसमें ठेकेदारी से लेेकर उद्यमिता तक में तरजीह देने की मांग की गयी। साथ यह मांग भी की गयी कि दलित छात्रों को विदेशों में पढ़ाई के लिए डॉ. आंबेडकर ओवरसीज स्कॉलरशिप दी जाय। डिक्की की मांगों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सकारात्मक आश्वासन दिया है।

पूरा आर्टिकल यहां पढें ठेकेदारी से लेकर उद्यमिता तक मिले दलितों को तरजीह, विदेश में पढ़ने को मिले छात्रवृत्ति

 

लेखक के बारे में

वीरेंद्र यादव

फारवर्ड प्रेस, हिंदुस्‍तान, प्रभात खबर समेत कई दैनिक पत्रों में जिम्मेवार पदों पर काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र यादव इन दिनों अपना एक साप्ताहिक अखबार 'वीरेंद्र यादव न्यूज़' प्रकाशित करते हैं, जो पटना के राजनीतिक गलियारों में खासा चर्चित है

संबंधित आलेख

यूपी : दलित जैसे नहीं हैं अति पिछड़े, श्रेणी में शामिल करना न्यायसंगत नहीं
सामाजिक न्याय की दृष्टि से देखा जाय तो भी इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने से दलितों के साथ अन्याय होगा।...
बहस-तलब : आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पूर्वार्द्ध में
मूल बात यह है कि यदि आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाता है तो ईमानदारी से इस संबंध में भी दलित, आदिवासी और पिछड़ो...
साक्षात्कार : ‘हम विमुक्त, घुमंतू व अर्द्ध घुमंतू जनजातियों को मिले एसटी का दर्जा या दस फीसदी आरक्षण’
“मैंने उन्हें रेनके कमीशन की रिपोर्ट दी और कहा कि देखिए यह रिपोर्ट क्या कहती है। आप उन जातियों के लिए काम कर रहे...
कैसे और क्यों दलित बिठाने लगे हैं गणेश की प्रतिमा?
जाटव समाज में भी कुछ लोग मानसिक रूप से परिपक्व नहीं हैं, कैडराइज नहीं हैं। उनको आरएसएस के वॉलंटियर्स बहुत आसानी से अपनी गिरफ़्त...
महाराष्ट्र में आदिवासी महिलाओं ने कहा– रावण हमारे पुरखा, उनकी प्रतिमाएं जलाना बंद हो
उषाकिरण आत्राम के मुताबिक, रावण जो कि हमारे पुरखा हैं, उन्हें हिंसक बताया जाता है और एक तरह से हमारी संस्कृति को दूषित किया...