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कोयतूरों का एेलान, नहीं सहेंगे महिषासुर का अपमान

छत्तीसगढ़ के कोयतूर आदिवासियों ने एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिया है कि उनके इलाके में दुर्गा पूजा करने वाले उनके पुरखे महिषासुर और रावण का अपमान न करें। साथ ही आदिवासियों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। फारवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :

छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के नाम से ख्यात कोरबा जिला जोकि बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है, आदिवासी जनजाति कोरवा (पहाडी कोरवा) बाहुल्य है। राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोरबा जिसका कुल क्षेत्रफल 7,14,544 हेक्टेयर है और उसमें से 2,83,497 हेक्टेयर वनभूमि है, में कुल आबादी के लगभग 51.67 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। चारों ओर से हरे भरे वनों से आच्छादित यहां के आदिवासी सांस्कृतिक विशेषताओं और अपनी पारंपरिक प्रथाओं को बरकरार रखते के लिए जाने जाते हैं। अपनी परंपरा और संस्कृति के मुताबिक ये महिषासुर और असुरराज रावण को अपना पुरखा मानते हैं।

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लेखक के बारे में

प्रेमा नेगी

प्रेमा नेगी 'जनज्वार' की संपादक हैं। उनकी विभिन्न रिर्पोट्स व साहित्यकारों व अकादमिशयनों के उनके द्वारा लिए गये साक्षात्कार चर्चित रहे हैं

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