31 राज्याें के 550 जिलाें और 4,000 तहसीलाें में चलाया जाएगा अभियान
बहुजन क्रांति मोर्चा ‘संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत देश भर में जेल भरो आंदोलन शुरू करने जा रहा है। यह आंदोलन तीन चरणों में एक साथ 31 राज्यों के 550 जिलों और 4,000 तहसीलों में होगा। पहला चरण 4 नवंबर को शुरू होगा और उस दिन दोपहर 1:00 बजे से 5:00 बजे तक देश भर में जिला स्तर पर जेल भरो आंदोलन होगा और बहुजन क्रांति मोर्चा के सदस्य जिलों के थानों में एकत्र होंगे और गिरफ्तारियां देंगे। वहीं, दूसरे चरण में 18 नवंबर को तहसील स्तर पर और तीसरे चरण में 26 नवंबर को ब्लाॅक स्तर पर जेल भरो आंदोलन होगा। बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम साहब के नेतृत्व में यह आंदोलन चलेगा।
मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी कुमार काले ने फारवर्ड प्रेस को बताया कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से होगा और संविधान के दायरे में रहकर जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा। इसके तहत बहुजन समाज के एससी, एसटी, ओबीसी और धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक समुदायों के युवाअाें, महिलाअाें, बेरोजगाराें, किसानाें, मजदूराें सहित समाज के बुदि्धजीवियों से अपील की गई है कि संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए जेल भरो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि लोकतंत्र पर जो खतरा मंडरा रहा है, उसे जड़ से समाप्त किया जा सके।
प्रवक्ता ने मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम साहब के हवाले से बताया कि इसमें दो राय नहीं कि एससी, एसटी, ओबीसी व धर्मपरिवर्तित अल्पसंख्यक समुदाय की जो प्रगति हुई है, वह केवल लोकतंत्र और संविधान के लागू होने के बाद ही हुई है। लेकिन, हकीकत यह है कि अब साजिश के तहत बहुजन समाज को संविधान के तहत मिले अधिकार को धीरे-धीरे खत्म करने की कोशिश चल रही है। षड्यंत्र के तहत पुन: मनुस्मृति का राज स्थापित करने का काम शुरू है, जिसका हमारे समाज के लोगों को भनक तक नहीं है। यह आंदोलन इसी बात को लेकर किया जा रहा है, ताकि बहुजन समाज जान पाए कि उसके साथ किस तरह का खेल खेला जा रहा है।
अगर संविधान खतरे में है, तो लोकतंत्र खतरे में है और इसका मतलब दूसरे शब्दों में यों कहें कि आपकी आजादी खतरे में है। समय आ गया है- जब संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें जान की बाजी लगाने के लिए तैयार रहना होगा। जनता के समक्ष विरोध, असहमति और उसका इजहार करने का मौलिक अधिकार संविधान के आर्टिकल-19 के तहत दिया गया है। मगर यह सरकार संविधान का ख्याल न करते हुए दमनकारी नीति के तहत जनविद्रोह को दबाने का काम कर रही है। इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्वतंत्रता, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर ही तीन चरणों में जेल भरो आंदोलन शुरू करने का फैसला किया गया है। इस आंदोलन के तहत सरकार को आगाह किया जाएगा कि वह एससी, एसटी पर होने वाले अत्याचार पर तत्काल रोक लगाए और संविधान के अनुच्छेद-19 का पालन हो, यह सुनिश्चित करे और भीमा-कोरेगांव हिंसा के मुख्य आरोपियों को बचाने का काम नहीं करे। इसके अलावा जिस तरह प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) को बढ़ावा देकर आरक्षण को खत्म करने की साजिश की जा रही है, उस पर तत्काल रोक लगे।
(काॅपी संपादन : प्रेम)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। हमारी किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, संस्कृति, सामाज व राजनीति की व्यापक समस्याओं के सूक्ष्म पहलुओं को गहराई से उजागर करती हैं। पुस्तक-सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें