महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मराठों के लिए आरक्षण की घोषणा की है। यह आगामी 1 दिसंबर 2018 से लागू होगा। मराठों को यह आरक्षण सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में दिया जाएगा। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की कोई घोषणा की गई है। इससे पहले वर्ष 2014 में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की (एनसीपी) तत्कालीन गठबंधन सरकार ने भी मराठों के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। साथ ही, मुसलमानों के लिए भी 5 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा उस समय की गई थी। परंतु, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठों को आरक्षण देने की इस घोषणा को लागू करने पर रोक लगा दिया। बाद में सत्ता में आने के तुरंत बाद फड़नवीस ने कहा था कि वह आरक्षण के इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। लेकिन वे वह इस वादे को भूल गए ।
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