मध्य प्रदेश में ‘अबकी बार-आदिवासी सरकार’ नारे के साथ पहली बार चुनाव लड़ रहे संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) में अंतर्कलह बढ़ गया है। विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक रहे डा. हीरालाल अलावा पर आएसएस का मोहरा बनने का अारोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने जयस के समानांतर एक नयी पार्टी नेशनल जयस का गठन किया है। हालांकि डा. अलावा ने इन आरोपों को खारिज किया है।
डा. अलावा पर ये आरोप विक्रम अछालिया ने लगाये हैं। प्रेस विज्ञप्ति के जरिए उन्होंने स्वयं को असली जयस का संस्थापक कहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हीरालाल अलावा अपने राजनैतिक स्वार्थ के चलते आरएसएस के इशारे पर इस सामाजिक संगठन को राजनैतिक चोला ओढा दिया है। साथ ही उन्होंने उनपर चुनाव के इस समय में असली जयस संगठन के नाम से तरह-तरह की अफवाहें फैलाने का आरोप भी लगाया है।
विक्रम अछालिया यही नहीं रूकते हैं। आगे वे कहते हैं कि ‘नेशनल जयस‘ के डॉ. हीरालाल अलावा आदिवासी संगठनों की मंजूरी के बगैर गैर आदिवासी लोगों के साथ चुनाव में जाने का फैसला ले लिया, जो अनुचित है। हीरा अलावा कभी कहते हैं जयस के नेतृत्व में चुनाव लंड़ेंगे और आदिवासी सरकार बनाएंगे, तो कभी कहते हैं आरक्षण विरोधी ‘सपाक्स’ संगठन का सहारा लेकर पूरे प्रदेश में जयस से टिकट देकर सवर्ण प्रत्याशियों को भी चुनाव में उतारेंगे।

उन्होंने डा. अलावा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डा. अलावा ने पहले कहा था कि जयस के नाम से टिकट बांटेंगे, जयस खुद पूरे प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ेगा। लेकिन कुछ दिनों से टीवी और समाचारपत्रों के माध्यम से जो खबरें मिल रही हैं उसके अनुसार हीरा अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस पार्टी के भोपाल और दिल्ली स्थित कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। साथ ही बात नही बनने पर 80 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की धमकी देकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
विक्रम अछालिया ने आरोप लगाया कि डा. हीरा अलावा व्यापमं ‘व्हिसिल ब्लोअर‘ डॉ. आनंद राय के साथ मिलकर मीडिया के माध्यम से जयस को लेकर अप्रिय स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयस के नियमों में प्रत्येक निर्णय सर्वसम्मति से लेने की बात शामिल है और इसके विपरीत डा. अलावा डॉ. राय के हाथों की कठपुतली बनकर चुनाव लड़ने और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर आदिवासी समाज और जयस के उद्देश्यों को ठेस पहुंचा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि जयस के गठन के समय यह तय हुआ था की यह एक सामाजिक संगठन होगा और इसमें देश के सभी आदिवासी समाज की भूमिका जन जागरण के लिये होगी और यह गैर राजनीतिक होगा व इसमें कर्मचारी, युवा, किसान, मजदूर, और बेरोजगार सहित समाज का हर वर्ग शामिल होगा। जयस में कोई भी पद नहीं होगा। एक कमेटी होगी जिसमें आदिवासी समाज का कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है। यानी जो कमेटी की बैठक में शामिल होगा व स्वतः ही उस कमेटी का सदस्य हो जाएगा जो आदिवासी समाज में अनंत काल से चली आ रही परम्परा के अनुरूप है।
आरोपों को डा. अलावा ने किया खारिज
पेशे से चिकित्सक व जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डा. हीरालाल अलावा अपने उपर लगाये जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। फारवर्ड प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि जयस एक मात्र संगठन है। नेशनल जयस कहने का मतलब कोई दूसरा जयस नहीं है बल्कि जयस का राष्ट्रीय स्वरूप है। आदिवासियों को धोखा देने संबंधी आरोपों के जवाब में वे कहते हैं कि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। क्या हम लोगों ने किसी आदिवासी परिवार की जमीन हड़पी है और उनके साथ कोई बेईमानी की? जो यह आरोप लगा रहे हैं, उन्हें विस्तार से बताना चाहिए।
कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जयस मध्यप्रदेश में आदिवासी सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ रहा है। इसके लिए हम कोई भी गठबंधन करने को तैयार हैं जिससे हमारे आदिवासियों के हितों की रक्षा हो सके। हमारा मकसद आदिवासी समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी काे मजबूत करना है। जिन्हें इन सबसे कोई सरोकार नहीं है, उनके आरोपों का कोई मतलब नहीं है।
कॉपी संपादन : अशोक/प्रेम
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