जाटव समाज एवं दलित आन्दोलन पर पुस्तक का विमोचन
प्रगतिशील समाज के निर्माण में जाटव समुदाय की अहम भागीदारी रही है। ये बातें दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बीते 28 दिसम्बर 2018 को समाजसेवी डॉक्टर ओमप्रकाश मौर्य द्वारा लिखित पुस्तक ‘जाटव समाज का उदगम एवं दलित आन्दोलन’ के विमोचन के मौके पर कही। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली विधानसभा के सभागार किया गया।
इस अवसर पर रामनिवास गोयल ने दलित समाज के प्रबु़द्ध लोगों को आगे आकर अपने समाज के लोगों को सही दिशा दिखाने और शिक्षा की ओर अग्रसर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए जाति विहीन समाज की संरचना की जरूरत है। जातिवाद के आधार पर अत्याचार और दमनकारी रवैये की निंदा की जानी चाहिए।

श्री गोयल ने यह भी कहा कि हमारे राष्ट्र व संस्कृति के विकास को सुनिश्चित करने में हर मजहब और जाति के लोगों की अहम भूमिका रही है। राष्ट्र की सांस्कृतिक एवं सामाजिक विराटता को बनाए रखने में और देश के समग्र विकास में देश की सभी जातियों के लोगों ने अपना भरपूर योगदान दिया है। जाटव समुदाय की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
श्री गोयल ने कहा कि डॉ. मौर्य ने प्रस्तुत पुस्तक में अनुसूचित जातियों में जाटव जाति के उद्भव और विकास पर सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो काबिलेतारीफ है।
लेखक ओमप्रकाश मौर्य ने अपनी पुस्तक में सन 1931 के जनगणना सर्वेक्षण के अनुसार देश में जातियों की संख्या 6400 दर्शायी है जिसमें अनुसूचित जाति के लोगों की जातियों की संख्या 1208, पिछड़े वर्णों की संख्या 1931 और अन्य जाति के लोगों की संख्या 3229 बताई है।
(कॉपी संपादन : फारवर्ड प्रेस)
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