पहले बेमियादी प्रदर्शन करेंगे और जरूरत पड़ने पर भूख हड़ताल करने की दी धमकी
ऑल इंडिया रिसर्च स्कॉलर्स के बैनर तले देश भर के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बैठक कर फैसला लिया है कि अगर 15 जनवरी 2019 तक फेलोशिप की राशि में बढ़ोतरी नहीं की जाती है तो 16 जनवरी को देश भर के रिसर्च स्कॉलर्स दिल्ली पहुंचेंगे और बेमियादी प्रदर्शन करेंगे और जरूरी हुआ तो भूख हड़ताल में शामिल होंगे।
एम्स, दिल्ली में बीते तीन जनवरी को हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया और साथ ही इस बात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई कि सरकार की तरफ से बार-बार केवल आश्वासन दिया जा रहा है, कुछ भी ठोस रूप में सामने नहीं आ रहा है। तीन-तीन डेडलाइन दिए जाने के बावजूद अभी तक केवल और केवल आश्वासन ही मिलता रहा है। बैठक में एकमत से माना गया कि रिसर्च स्कॉलर्स अब खुद को ठगा महसूस करने लगे हैं और इस वजह से ही मजबूरी में देश भर के रिसर्च स्कॉलर्स से 16 जनवरी को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया गया है।

बताते चलें कि फेलोशिप की राशि बढ़ाए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे रिसर्च स्कॉलरों ने केंद्र सरकार को अब तक तीन बार 10 दिसम्बर 2018, 22 दिसम्बर 2018 व 3 जनवरी 2019 का अल्टीमेटम दिया था लेकिन हर बार सरकार की तरफ से आश्वासन दे दिया गया। जब तीन जनवरी तक भी फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया तब प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। अगर उनकी मांगों पर घ्यान नहीं दिया गया और 15 जनवरी तक मांगों के हिसाब से फेलोशिप की राशि नहीं बढ़ाई गई तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष देश भर के रिसर्च स्कॉलर काम छोड़कर जुटेंगे और प्रदर्शन करेंगे।
अमेजन और फ्लिपकार्ट पर सहज उपलब्ध हैं फारवर्ड प्रेस की किताबें
गौर तलब है कि स्कॉलर्स 80-100 फीसदी तक फेलोशिप की राशि बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) स्कॉलर को अभी 25,000 रुपए बतौर फेलोशिप मिलते हैं लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50,285 रुपए किए जाने की ये लोग मांग कर रहे हैं। इसी तरह सीनियर रिसर्च फेलोशिप स्कॉलर को अभी 28,000 रुपए प्रति महीने बतौर फेलोशिप मिलता है जिसे बढ़ाकर 56,320 रुपए किए जाने की इनकी मांग है।
याद रहे कि कि बीते चार वर्षों से नेट, गेट उत्तीर्ण करने वाले रिसर्च स्कॉलरों की फेलोशिप की राशि नहीं बढ़ी है जबकि हर चार साल में फेलोशिप राशि बढ़ायी जाती रही है। इस बार चार साल पूरा हुए छह महीने से अधिक हो चुका है।
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब देश भर के लाखों जूनियर रिसर्च फेलो व सीनियर रिसर्च फेलो फेलोशिप बढ़ाने के लिए इस तरह अपनी आवाज बुलंद कर रहे हों। इससे पहले फेलोशिप राशि व भत्ता बढ़ाने के लिए 2014 में भी इसी तरह हजारों रिसर्च स्कॉलर्स को आंदोलन करना पड़ा था।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें