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11 फरवरी को दलित-बहुजन बंद करवाएंगे देश भर के विश्वविद्यालय

विभागवार आरक्षण के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा व्यापक विरोध किया जा रहा है। इस कड़ी में ‘द ज्वाइंट फोरम फॉर एकेडमिक एंड सोशल जस्टिस’ द्वारा 11 फरवरी 2019 को देश भर के विश्वविद्यालयों में बंद का आह्वान किया गया है

शैक्षणिक और सामाजिक न्याय के लिए बनी ‘द ज्वाइंट फोरम फॉर एकेडमिक एंड सोशल जस्टिस’ ने 11 फरवरी 2019 को देश भर के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में बंद का आह्वान किया है। साथ ही यह ऐलान किया है कि जब तक 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम बहाल करने की मांग पूरी नहीं की जाती है, तब तक विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। इस आशय की जानकारी फोरम के सेंट्रल कमेटी की सदस्य कनकलता यादव ने दी।

कनकलता यादव ने बताया कि शिक्षकों से इसी 11 फरवरी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) तक विरोध मार्च का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि हम दलित-बहुजन लोगों के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों से भी आह्वान कर रहे हैं कि वे इस विरोध-मार्च में अधिक-से-अधिक संख्या में शामिल हों और जो दिल्ली में किसी कारण से नहीं आ सकते हैं, वे अपने-अपने विश्वविद्यालयों में बंद को सफल बनाएं।

13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के खिलाफ विरोध-मार्च निकालते शिक्षक

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के अंतिम संसदीय सत्र समाप्त होने की अंतिम तिथि 13 फरवरी है। इस लिहाज से देश भर में अधिक-से-अधिक लोगों को जुटाकर 200 प्वाइंट रोस्टर को फिर से बहाल करने के लिए राजनैतिक दबाव बनाना बहुत जरूरी है। फोरम की सेंट्रल कमेटी के अन्य सदस्यों में डॉ. लक्ष्मण यादव, जितेंद्र मीणा, सुचित कुमार और राजेश पासवान आदि शामिल हैं।

13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के खिलाफ विरोध दर्ज कराते लोग

फोरम की तरफ से आगे की रणनीति का भी खुलासा किया गया है कि अगर इतने के बाद भी सरकार मांगों को नहीं मानती है, तो फिर सत्र के अंतिम दिन समीक्षा बैठक की जाएगी और फिर तय किया जाएगा कि आखिर कैसे भाजपा और उसके सहयोगी दलों के मंत्रियों, सांसदों के घरों के सामने विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही यूजीसी से ये सवाल भी पूछे जाएंगे कि क्या उसने विश्वविद्यालय को 13 प्वाइंट रोस्टर के अनुसार विज्ञापन निकालने की अनुमति दी है? यदि यूजीसी ने अनुमति नहीं दी है, तो विश्वविद्यालय विज्ञापन कैसे प्रकाशित कर सकते हैं?

(कॉपी संपादन : एफपी/प्रेम)


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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