सफाईकर्मियों के हक़ में आवाज़ उठाने वाले प्रयागराज (इलाहाबाद) के सामाजिक कार्यकर्ता और कवि अंशु मालवीय को कल 7 फरवरी 2019 की रात करीब साढ़े नौ बजे स्पेशल क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। करीब तीन दिन पहले पहले पुलिस सफाईकर्मियों के नेता दिनेश को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में जब लोगों ने गिरफ्तारी का विरोध किया और दबाव बनाया तब उन्हें देर रात रिहा किया गया।
योगी सरकार की पुलिस ने इन दोनों को तब गिरफ्तार किया जब कुंभ में काम कर रहे सफाईकर्मियों की उपेक्षा व उन्हें नियमित मजदूरी नहीं दिए जाने को लेकर मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता लामबंद होने लगे।
बता दें कि अंशु मालवीय और उनकी जीवनसाथी उत्पला शुक्ला हर साल माघ मेले में ‘सिरजन’ नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं। कल मेले में इसके तहत सद्भाव रैली निकलनी थी, उसके एक दिन पहले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अंशु मालवीय मेले का मैला साफ करने के लिए लगाये गये सफाई कर्मचारियों की मजदूरी बढ़ाने के आन्दोलन में भी शामिल थे।

फारवर्ड प्रेस ने भी इससे पहले कुम्भ मेले में काम कर रहे सफाईकर्मियों की स्थिति और सरकार द्वारा दिए जा रहे उनके मानदेय व सुविधाओं को लेकर ‘आंखन-देखी : कुम्भ के बाज़ार में धर्म और अधर्म’ शीर्षक से एक खबर प्रकाशित किया था। ये सफाईकर्मी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात से आए हैं।

बीते दिनों 26 जनवरी को भी सफाई कर्मियों ने कुम्भ क्षेत्र में एक बड़ा आंदोलन भी खड़ा करने की कोशिश की थी। जब अपने शोषण और अपमान के खिलाफ अपनी तमाम मांगों को लेकर सफाई कामगार मेला प्राधिकरण के दफ्तर पर जमा हुए थे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मेला प्रशासन ने मेले में धारा 144 लगाकर किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।
बहरहाल, हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड में अपर्याप्त कपड़ों और अपर्याप्त व्यवस्था के बीच 12- 20 घंटे काम करने वाले ये सफाई कामगार अपनी मेहनत का उचित दाम पाने को भी तरस रहे हैं। आंदोलनरत सफाईकर्मियों की मांग है कि काम के घंटे 8 घंटे निर्धारित की जाय। साथ ही दिहाड़ी बढ़ाकर कम से कम 600 रुपये की जाय। इससे अधिक समय तक काम कराने की स्थिति में ओवर टाइम दिया जाय। सफाई कामगारों की यह भी मांग है कि उन्हें वेतन चेक या खाते के माध्यम से नहीं बल्कि नकद दिया जाय।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
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