सवर्ण आरक्षण तथा विश्वविद्यालयों में विभागवार रोस्टर के खिलाफ आंदोलन तेज होता जा रहा है। इस कड़ी में बीते 31 जनवरी 2019 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद एक बार फिर 11 फरवरी को धरना का आह्वान किया गया है। यह आह्वान ऑल इंडिया बैकवर्ड फेडरेशन द्वारा किया गया है। बताया जा रहा है कि इस धरना में राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, मुस्लिम लीग, एआईएमएम, डीएमके, एआईएडीएमके के नेतागण आदि भाग लेंगे।
इस अवसर पर एक बार फिर संविधान अधिनियम (103 वां संशोधन) 2019 को वापस लेने, ओबीसी को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों, राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य में 52 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी मांगों को उठाया जाएगा।

ऑल इंडिया बैकवर्ड फेडरेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर हिस्से के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है, उसे भी सवर्ण वर्ग के वो लोग हासिल नहीं कर सकते जो कि इसके पात्र हैं और अपनी दैनिक ज़रूरतों की पूर्ति के लिए दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। साथ ही कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देना भेदभावयुक्त है और अनुच्छेद 14,15 और 16 की समानता के सिद्धांत के ख़िलाफ़ है।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
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