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शीला दीक्षित अड़ीं, नहीं गली गठबंधन की दाल, अपने बूते लड़ेगी कांग्रेस

दिल्ली में कांग्रेस आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी और अपने बूते सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आखिर क्या वजह रही कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की इच्छा के बावजूद गठबंधन होते-होते रह गया

लोकसभा चुनाव-2019 के चुनावी आंच को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि दिल्ली में कांग्रेस और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन की दाल पकेगी और गलेगी भी। परंतु कल मंगलवार 5 मार्च को जब कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक खत्म हुई तब सियासी गलियारे में चल रही कयासबाजियों का दौर थम गया।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस द्वारा यह जानकारी औपचारिक तौर पर दे दी गयी कि कांग्रेस दिल्ली की सभी सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।

सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि शीला दीक्षित जो दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष हैं, वह नहीं चाहती थीं कि जिस आम आदमी पार्टी ने उन्हें सत्ता से बाहर किया, उसके साथ समझौता हो।

सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान अजय माकन और शीला दीक्षित के बीच नोंक-झोंक हुई।  

दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित

हालांकि इससे पहले यह बताया जा रहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में आप के साथ गठबंधन को तैयार हैं। वे नहीं चाहते हैं कि भाजपा को कांग्रेस व आप के बीच वोटों के बिखराव का लाभ मिले।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कहकर बैठक समाप्त कर दी कि आप सभी को लगता है कि हम फिर से दिल्ली में मजबूत स्थिति में बिना किसी से समझौता किए आ जाएंगे तो हमें कोई एतराज नहीं हैं। आप अकेले चुनाव लड़ें, हमें तो बेहतर रिजल्ट चाहिए। बैठक में आए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के  अध्यक्ष शीला दीक्षित सहित सभी तीनों कार्यकारी अध्यक्षों व पूर्व अध्यक्षों ने राहुल गांधी को भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता में लौटेगी।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


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कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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