हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की अति दुर्गम पांगी घाटी के लोग छह माह के लिए शेष विश्व से कट जाते हैं। इसका असर उनके जीवन पर पड़ता है। अब पांगी घाटी में रहने वाली विभिन्न जनजातियों के लोगों ने चुनाव बहिषकार का निर्णय लिया है।
इस संबंध में बीते 7 अप्रैल 2019 को पांगी कल्याण संघ के तत्वावधान में एक बैठक की गयी। बैठक में पांगी घाटी में विभिन्न समस्याओं को लेकर चिंता व्यक्त की गयी। सबसे अधिक चिंता चैरणी सुरंग को लेकर रही। लोगों का कहना था कि हर चुनाव में नेतागण आते हैं और सुरंग बनाने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। लेकिन आजतक सुरंग नहीं बन सका है। यदि यह सुरंग बन जाय तो पांगी घाटी के लोग बर्फबारी के मौसम में भी शेष दुनिया से जुड़े रहेंगे।

पांगी कल्याण संघ के प्रधान भगत बड़ोत्रा ने बताया कि सात किलोमीटर लंबे इस सुरंग को लेकर कई बार अधिकारियों और नेताओं के समक्ष बातें रखी गयी हैं। परंतु, आजतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। इसलिए हमलोगों ने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है।

संघ के महासचिव बी.आर. भरद्वाज ने बताया कि जो उड़ानें इस बार पांगी से चंबा के लिए हुई है, उनमें भी स्थानीय लोगों की अनदेेखी की गई। सरकार द्वारा जब मौसम साफ रहा तब शेड्यूल जारी नहीं किया गया। बैठक में लेख राज, बजीर चंद, रोशन लाल, किशन चंद, किशन चंद, बाबू लाल, पदन देव, भीम सिंह, कशमीर चंद, शिवा राणा व वीर सिंह राणा मौजूद रहे।

वहीं पांगी के लोगों के द्वारा चुनाव बहिष्कार के बाबत पूछने पर चौराह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक व विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज कहते हैं, “चुनाव बहिष्कार की बात फिजूल है। चुनाव का समय है और यह वह समय है जब देश की जनता नरेंद्र मोदी जी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। मैं आपको बताता हूं कि हमारी राज्य सरकार ने पांगी के लोगों के लिए क्या-क्या किया है। हम पांगी के लिए अधिक से अधिक हेलीकॉप्टर की उड़ानें निर्धारित कर रहे हैं। इसके अलावा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया है कि पठानकोट से लेकर लेह तक करीब 419 किलोमीटर लड़ी सड़क मार्ग का बनाया जाएगा। इस क्रम में दो सुरंग बनाने का वादा प्रधानमंत्री ने किया है। इनमें से एक चैहणी सुरंग भी है। मैं पांगी के लोगों से कहना चाहता हूं कि वे लोकतंत्र के उत्सव में शामिल हों।”
(कॉपी संपादन : नवल)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें
मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया