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एफपी ऑन द रोड : इस बार पूर्वोत्तर की ओर

फारवर्ड प्रेस फुले-आंबेडकरवाद के प्रसार के लिए कृतसंकल्प है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए इस बार ‘एफपी ऑन द रोड’ योजना के तहत प्रबंध संपादक प्रमोद रंजन पूर्वोत्तर भारत के गांवों-कस्बों की यात्रा कर रहे हैं

पूर्वोत्तर भारत उत्तर भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक विमर्शों में उपेक्षित रहा है। फारवर्ड प्रेस ने इस कमी को दूर करने के लिए पिछले दिनों इन क्षेत्रों पर विशेष सामग्री का प्रकाशन आरंभ किया है। फारवर्ड प्रेस का मानना है कि फुले-आंबेडकरवाद की वैचारिकी के विस्तार के लिए आवश्यक है कि अन्य हाशियाकृत सामाजिक समुदायों के साथ संवाद बनाया जाए। इसी क्रम में फारवर्ड प्रेस के प्रबंध संपादक प्रमोद रंजन सड़क मार्ग से पूर्वोत्तर भारत की एक महीने की यात्रा पर जाएंगे। उनकी यह यात्रा 22 मई, 2019 से आरंभ होगी।

गौरतलब है कि फारवर्ड प्रेस उत्तर भारत का चर्चित बाईलिंगुअल (अंग्रेजी-हिंदी) वेब पोर्टल है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, विमुक्त घुमंतू जातियों तथा धर्मांतरित अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री के प्रकाशन के लिए जाना जाता है।

भारत के पूर्वोत्तर के राज्यों का नक्शा

एफपी ऑन द रोड’ नामक बहुजन पत्रकारिता की मुहिम  के तहत फारवर्ड प्रेस की संपादकीय टीम के सदस्यों ने प्रमोद रंजन के नेतृत्व में भारत के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा की तथा बहुजन भारत के अनछुए पहलुओं को सामने लाने की कोशिश की। इसके तहत पहली यात्रा वर्ष 2016 में हुई थी।  इस क्रम में अब तक फारवर्ड प्रेस की टीम 13 राज्यों का भ्रमण कर चुकी है। इनमें झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं। पूर्वोत्तर भारत की यह यात्रा इसी क्रम में है, जो जून, 2019 के अंत तक चलेगी।

फारवर्ड प्रेस टीम के यात्रा संस्मरण यहां पढ़ें :  एफपी टीम की भारत यात्रा

यात्रा का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के वंचित सामाजिक तबकों के आंदोलनों को समझना तथा स्थानीय लेखकों, पत्रकारों को फारवर्ड प्रेस से जोड़ना है। इस यात्रा के दौरान श्री रंजन विभिन्न स्थानीय भाषाओं के जन-पक्षधर लेखकों, विचारकों,  संस्कृतिकर्मियों और सुधी पाठकों से मिलेंगे।

जोती राव फुले व सावित्रीबाई फुले की कर्मस्थली फुलेवाड़ा (पुणे) में फारवर्ड प्रेस के प्रबंध संपादक प्रमोद रंजन (तस्वीर : एफपी ऑन द रोड, 2017)

इस संबंध में रंजन का कहना है कि “फारवर्ड प्रेस का मुख्य पाठकीय-आधार उत्तर भारत के हिंदी-भाषी क्षेत्रों में है। लेकिन, फुले-आंबेडकरवाद के विस्तार के लिए आवश्यक है कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे वंचित तबकों के आंदोलनों के प्रति गहरी अंतर्दृष्टि विकसित करें तथा करुणामयी-समतामूलक विश्व के निर्माण की दिशा में साझा योजना बनाएं। इस दिशा में हम  अखिल भारतीय स्तर पर कोशिश कर रहे हैं। पिछले वर्षों में हमने भारत के विभिन्न राज्यों की यात्रा इसी उद्देश्य से की थी। पिछली यात्राओं में हमने बड़ी संख्या में विभिन्न भाषाओं के नए-पुराने लेखकों से संपर्क बनाया तथा उनकी सामग्री प्रकाशित की।”

रंजन बताते हैं कि “इन्हीं यात्राओं की एक कड़ी का परिणाम  ‘महिषासुर: मिथक और परंपराएं’ किताब थी। पिछले वर्षों में  हमने ऐसी ही यात्रा में महाराष्ट्र के दलित-बहुजनों के सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलनों के अगुआ रहे दलित पैंथर्स के लेखकों से संपर्क बनाया और दलित पैंथर्स के संस्थापक रहे जे.वी. पवार की किताब का अंग्रेजी अनुवाद ‘दलित पैंथर्स : ए ऑथरेटिव हिस्ट्री’ शीर्षक से प्रकाशित किया। इसी प्रकार हमने तमिलनाडु की यात्रा के दौरान गैर-ब्राह्मण आंदोलनों के अगुआ युवा साथियों से संपर्क स्थापित किया, जिसके परिणामस्वरूप ‘हिंदी में पेरियार के प्रतिनिधि विचार’ शीर्षक से हिंदी पुस्तक शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है। हमारी कोशिश है कि विभिन्न गैर-हिंदी भाषी राज्यों में चल रहे विभिन्न सामाजिक-बौद्धिक आंदोलनों के इतिहास तथा समकालीन विमर्शों को सामने लाएं। पूर्वोत्तर भारत की  यह यात्रा फुले-आंबेडकरवाद को बहु-आयामी बनाने की कोशिश के तहत है।”

इस यात्रा के दौरान श्री रंजन उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के रास्ते पूर्वोत्तर की ओर जाएंगे। इस क्रम में सिलिगुड़ी से होते हुए पहले भूटान जाएंगे। वहां बौद्ध परंपराओं के अलावा वहां के साहित्य व जीवनशैली का वे अध्ययन करेंगे। भूटान के बाद वे आसाम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय  मिजोरम,नागालैंड और मणिपुर के अनेक दुर्गम गांवों-कस्बों की यात्रा करेंगे।

सुझाव आमंत्रित

इस यात्रा से संबंधित कोई भी सुझाव आप निम्नांकित फोन नंबरों अथवा ईमेल पर दे सकते हैं।

प्रमोद रंजन :  

मोबाइल नंबर – +919811884495, 9811994495

ईमेल – managing.editor@forwardpress.in

अगर आप फारवर्ड प्रेस के व्हाट्स अप ग्रुप से जुड़ना चाहते हैं, तो कृपया इस नंबर पर व्हाटस अप संदेश भेजें – 7827427311.

(कॉपी संपादन : नवल/प्रेम)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in

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महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

 

लेखक के बारे में

एफपी टीम की भारत यात्रा

"एफपी ऑन द रोड" के तहत फारवर्ड प्रेस की संपादकीय टीम के सदस्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा करते हैं तथा बहुजन भारत के अनछुए पहलुओं को समाने लाने की कोशिश करते हैं। अब तक प्रकाशित यात्रा- वृतांतों को एक साथ देखने के लिए कृपया "एफपी टीम की भारत यात्रा" पर क्लिक करें।

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