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हरियाणा के विश्वविद्यालयों में एक भी दलित कुलपति व कुलसचिव नहीं

हरियाणा के राज्यपाल सह कुलाधिपति सत्यदेव नारायण आर्य भले ही दलित वर्ग से आते हैं। लेकिन इसके बावजूद हरियाणा के किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति व कुलसचिव के पद पर दलित नहीं हैं। बता रहे हैं अभिनव कटारिया

संविधान प्रदत्त आरक्षण के कारण ही देशभर में बहुजनों की राजनीतिक, शैक्षणिक, आर्थिक परिस्थितियों में परिवर्तन आया है। इसी कारण ही बहुजनों ने अपनी कार्यकुशलता से देश की चहुंमुखी विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। लेकिन इसके बावजूद अभी भी शासन-प्रशासन में बहुजनों की समुचित भागीदारी नहीं है। एक उदाहरण है हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों का, जहां एक भी दलित कुलपति व कुलसचिव नहीं है।

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लेखक के बारे में

अभिनव कटारिया

लेखक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में जनसंचार विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं

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