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Annabhau Sathe

मेरी रूस यात्रा : ताशकंद से दिल्ली (समापन किश्त)
दूसरे दिन हम ताशकंद के ‘स्तालिन सामुदायिक कृषि फार्म’ को देखने गए। वह सामुदायिक कृषि फार्म किसी स्वायत्त...
अन्नाभाऊ साठे की कालजयी कृति : मेरी रूस यात्रा (सातवां अध्याय)
अन्नाभाऊ साठे के मुताबिक, भारत की तरह मास्को में भी, जहां जाओ वहां वजन मापने जैसी मशीनें लगी...
संपन्न बाकू : अन्नाभाऊ साठे की ‘मेरी रूस यात्रा’ (छठा अध्याय)
बाकू के खुशनुमा वातावरण में हमारी थकान पलक झपकते हवा हो चुकी थी। हम तुरंत बाहर निकल गए।...
बाकू की ओर : अन्नाभाऊ साठे की ‘मेरी रूस यात्रा’ (पांचवां अध्याय)
अज़रबैजान में कामरेड लेनिन को सोवियत संघ और अक्टूबर क्रांति का पितामह माना जाता है। यहां के नागरिक...
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