गत 21 मई को अमरीका के केलीफोर्निया स्थित लेथराप में आयोजित एक संगोष्ठी में, बामसेफ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. मनीषा बांगर को ‘ग्लोबल बहुजन एवार्ड‘ से सम्मानित किया गया। संगोष्ठी का आयोजन, भीमराव आंबेडकर सिक्ख फाउंडेशन व आर्गनाईजेशन फार माईनारटीज आफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

उन्हें यह पुरस्कार उत्तरी अमरीका की उनकी एक माह की यात्रा के अंत में प्रदान किया गया। अपनी इस यात्रा में उन्होंने इस बात पर लगातार जोर दिया कि हिन्दू जाति व्यवस्था और देश में व्याप्त गरीबी के बीच सीधा संबंध है। बांगर ने अपनी यात्रा के दौरान ब्रांडिएस विश्वविद्यालय, केलीफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस व ओहलान कालेज, फ्रेमांट, केलीफोर्निया में व्याख्यान दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अमरीका के विभिन्न सामुदायिक केन्द्रों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को भी संबोधित किया। भीमराव आंबेडकर सिक्ख फाउंडेशन के संस्थापक भजन सिंह ने उनकी यात्रा प्रायोजित की थी।
उन्होंने कहा कि ‘‘अवसरों की समानता के बगैर, प्रजातंत्र का कोई अर्थ नहीं है। परंतु भारत में स्वशासन के सत्तर वर्ष बाद भी जाति प्रथा के कारण, मूलनिवासियों को उनका यह मूलाधिकार नहीं मिल सका है‘‘।

डा. बांगर, गेस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट हैं और डेक्कन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साईसिंस, हैदराबाद में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। हाल में उन्होंने नागपुर में आयोजित महिलाओं के एक सम्मेलन में वामपंथी स्त्रीवादियों द्वारा वेश्यावृत्ति को औचित्यपूर्ण ठहराने जाने और उसके महिमामंडन का कड़ा विरोध किया था। उनके इस कदम की काफी प्रशंसा भी हुई थी। इस सम्मेलन का विवरण उन्हीं के शब्दों में जानने के लिए देखें।
पुरस्कार के साथ उन्हें दिए गए अभिनंदन पत्र में कहा गया है, ‘‘पददलितों के उत्थान और दमितों की रक्षा के लिए इनके द्वारा किए गए प्रशंसनीय कार्य और भारत में स्वतंत्रता के कारवां को आगे ले जाने के लिए‘‘। उन्हें यह पुरस्कार मेंटेका, केलीफोर्निया के मेयर गैरी सिंह द्वारा प्रदान किया गया।
भजन सिंह ने कहा, ‘‘हम भारत के लोगों की समृद्धि के प्रति डाॅ बांगर की अटूट प्रतिबद्धता के कायल हैं। उन्होंने न्याय, समानता और बंधुत्व की स्थापना के लिए वैश्विक स्तर पर जो कार्य किया है, वह प्रशंसनीय और प्रेरणास्पद है‘‘।
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