भगवा गिरोहों ने प्रगतिशील व बहुजनवादी विचारों के खिलाफ पूरे देश में मोर्चा खोल रखा है। दरअसल हिन्दूवादी फासीवाद मॉब लिंचिंग का नया तरीका ढूंढ निकाला है जिसका इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, दलितों एवं प्रगतिशील व जनवादी विचारों के खिलाफ आए दिन हो रहा है। जहां हिन्दूत्वादी फासीवाद गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों पर हमले कर रहा है, वहीं द्विजवादी चरित्र दलितों-आदिवासियों को अपना निशाना बना रहा है, तो राष्ट्रवाद के नाम पर देश के प्रगतिशील व जनवादी तबकों पर देशद्रोही होने का शोर मचाकर उनपर हमले किये जा रहे हैं। कहना ना होगा कि इन भगवा गिरोहों का पोषण सत्ता के गलियारे से हो रहा है, जिसके कई उदाहरण देखे जा सकते हैं।
बीते 6 अगस्त 2018 को बिहार के बेतिया जिले में एक ऐसी ही निंदनीय घटना को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अंजाम दिया। इस घटना में प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्त्ता शबनम हाशमी, बाबरी विध्वंस के मामले में चश्मदीद गवाह सामाजिक कार्यकर्त्ता युगल किशोर शरण शास्त्री और ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट रेशमा प्रसाद के साथ महारानी जानकी कुंवर कॉलेज के प्रिंसिपल हरिनारायण ठाकुर के साथ मारपीट की गयी और उन्हें जबरदस्ती वंदे मातरम गाने को कहा गया।
उल्लेखनीय है कि हरिनारायण ठाकुर बहुजन चिंतक व साहित्यकार हैं तथा फारवर्ड प्रेस के लिए नियमित लेखन करते रहे हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में ‘दलित साहित्य का समाजशास्त्र’, ‘भारत में पिछड़ा वर्ग आंदोलन और परिवर्तन का नया समाजशास्त्र’ प्रमुख हैं।

दरअसल महारानी जानकी कुंवर काॅलेज के प्रांगण में ‘भारत में विविधता, शिक्षा और सद्भाव’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया था। जैसे ही रेशमा प्रसाद द्वारा जय भीम, जय भारत, इंकलाब जिंदाबाद, के नारे के साथ अपना भाषण शुरू किया गया वैसे ही भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और मंच पर चढ़कर मानवाधिकार कार्यकर्त्ता शबनम हाशमी को घेरकर उन्हें देशद्रोही कहते हुए उनके साथ गाली-गलौज करने लगे। उन्हें जबरदस्ती ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए बाध्य करने लगे। उनकी इस तरह की गुंडागर्दी का विरोध किए जाने पर उन्होंने कालेज के प्राचार्य और बहुजन साहित्यकार हरिनारायण ठाकुर के साथ भी मारपीट शुरू कर दी। मंच का माइक फेंक दिया गया। मौके पर उपस्थित भीम आर्मी एवं आइसा के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तब जाकर वे कार्यक्रम स्थल से भागने को विवश हुए।
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं कार्रवाई की निंदा करते हुए स्थानीय विधायक मदन मोहन तिवारी ने कहा है कि इस तरह की गुंडई का वे विरोध करते हैं। उन्होंने कहा है कि इस तरह के हमले अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है , जो पूरी तरह निंदनीय है।
वहीं आइसा के जिला प्रभारी सुनील यादव ने कहा है कि इस सेमिनार में ‘भारत में सामाजिक विविधता, लैंगिक विविधता, सांस्कृतिक विविधता और भाषाई विविधता’ पर चर्चा हो रही थी। यह पहले से घोषित कार्यक्रम था। काॅलेज प्रशासन ने इसकी विस्तृत सूचना स्थानीय अखबारों में भी दे दी थी। कुछ अखबारों में इस आयोजन के बारे में खबरें भी छपी थीं। एबीवीपी द्वारा इसका विरोध करना यह साबित करता है कि उसे और उसके राजनैतिक संरक्षकों को इस विविधता से ही परेशानी है। आज यौन हिंसा और अत्याचार की दर्दनाक घटना से पूरा बिहार और देश दहल रहा है। नौजवान बेरोजगारी से भीषण रूप से परेशान हैं। किसान-मजदूर सबकी जिंदगी संकट में है, पर उन मुद्दों पर बोलने के बजाए भाजपा-आरएसएस से जुड़ा यह संगठन सेमिनारों में हंगामे कर रहा है। मानवाधिकार कार्यकत्ताओं और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं को अपमानित कर रहा है। उन पर हमले कर रहा है। उन्हें राष्ट्रद्रोही ठहरा रहा है। यह सब बेहद शर्मनाक बात है।
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घटना पर भीम आर्मी के हिमांशु कुमार ने सवाल किया कि ”जय भीम जय भारत” कहने से किसको परेशानी हो रही है? दलितों पर उत्पीड़न करने वालों, शिक्षा से वंचित रखने वालों, रोहित बेमुला को मारने वालों, चन्द्रशेखर रावण को जेल में बंद करने वालों को। तो कान खोल कर सुन लो तुम्हारे इस गुंडा गर्दी से हम पीछे नहीं हटने वाले हैं।आइसा के राहुल कुमार ने कहा कि काॅलेज में एबीवीपी की गुंडई नहीं चलेगी, एक बार नहीं हजार बार ‘जय भीम जय भारत, इन्कलाब जिंदाबाद’ का नारा रोज लगेगा। हिंदुस्तान किसी के बाप के जागीर नहीं है जितना हक एक पूंजीपति का है उतना ही हक एक मजदूर का भी है उन्होंने कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन से ऐसे असामाजिक संगठन के कार्यकर्त्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

इस घटना के खिलाफ कालेज के प्राचार्य हरिनारायण ठाकुर ने नगर थाने में कांड संख्या 628/18 के तहत मामला दर्ज कराया है जिसमें रवि पटेल सहित उसके अन्य साथियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। मगर घटना के दो सप्ताह बाद भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होना दर्शाता है कि ऐसी गुंडई का पोषक कौन है। जबकि प्रिंसिपल हरिनारायण ठाकुर ने चम्पारण रेंज के डीआईजी, जिलाधिकारी, एसपी , एसडीएम व नगर थानाध्यक्ष को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण उनका मनोबल बढ़ गया है। दर्ज करायी गयी एफआईआर में पुलिस ने गैर जमानतीय धारा का प्रयोग नहीं किया है। जबकि घटना में सरकारी कार्य में बाधा पहुंचायी गयी थी। प्रिंसिपल ने आरोप लगाया है कि इन तत्वों की गतिविधियों से परिसर में लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं। लेकिन लोक-लाज के कारण वे शिकायत नहीं कर पाती हैं। उन्होंने अपने जान-माल की सुरक्षा तथा कॉलेज में स्थायी पुलिस बल तैनात करने की मांग की है।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
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